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जैसी तुम्हारी मौज…..

Voice of Soul
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देखना है तो देख लो,
सुनना है तो सुन लो,
जैसी तुम्हारी मौज….
जीना है तो जी लो,
मरना है तो मर लो,
जैसी तुम्हारी मौज….
हसना है तो हस लो,
रोना है तो रो लो,
जैसी तुम्हारी मौज….
पाना है तो पा लो,
खोना है तो खो लो,
जैसी तुम्हारी मौज….
कुछ भी कहलो-कुछ भी सुनलो,
सुब मे है बस मोज….
जीवन है इक खेल,
जिसमे जी भर कर खेलो,
अपने पूरे प्राणों से,
पूरे अस्तितित्व से,
पूरे होश के साथ,
फिर कुछ होगा ऐसा,
जो है शब्दों से पार विराट अनुभव,
जो अनुभव न होकर कुछ ऐसा,
जिसे कह पाना असंभव,
बस जान लेना और हो जाना खामोश…./\….

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