Voice of Soul
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क्या होता है देश,
इबादत या कुछ ऑर…
कहते है कुछ,
देश मेरी मोहब्बत।
कहते है कुछ,
देश मेरी इबादत।
कुछ कहते है,
देश ज़िंदगी है मेरी।
पर न जान सका अब तक,
क्या होता है देश।
देखा जितना,
बस यूं ही कह दिया,
बिना जाने बिना माने,
कसोटी बस आँख मेरी।
झूठ – फरेब ऑर
भरष्टाचार,
का अखाड़ा है मेरा देश।
जहा होते नित दिन,
अजब – गज़ब कारनामे,
देख जिसे खुश होता
शैतान।
देख जिसे खुश होता
शैतान,
सरहद पर मरता जवान।
फांसी पर लटकता किसान।
सड्को पर बिकता भगवान।
बेरोजगारी ऑर शोषण,
से पिसता इंसान।
बेच कर अपना दीन-ईमान,
मौज लेता सियासतदान।
इन सब कारगुजारियों
को देख – देखकर,
बहुत ही खुश होता
शैतान।
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